गर्भावधि मधुमेह
गर्भावधि मधुमेह क्या है?
गर्भावधि मधुमेह गर्भावस्था के २४ हफ्ते से २८वें हफ्ते के दौरान होने वाली मधुमेह की एक प्रकार है। अधिकांश मामलों में, यह अस्थायी होती है ( यानी यह प्रसव के बाद ठीक हो जाती है)। लेकिन इन महिलाओं में प्रसव के बाद के सालों में टाइप २ मधुमेह विकसित होने की संभावना अधिक होती है।
अच्छी खबर यह है की आप आहार विशेषज्ञ और अपने एंडोक्राइनोलोजिस्ट की सहायता से मधुमेह को नियंत्रित कर सकते हैं और अपने बच्चे को एक स्वस्थ जीवन की शुरुआत दे सकते हैं।
गर्भावधि मधुमेह के कारण क्या है?
हम जो खाना खाते हैं, यह ग्लूकोज में परिवर्तित हो जाता है। ग्लूकोज रक्त प्रवाह में प्रवेश करती है और ऊर्जा का उत्पादन करने के लिए विभिन्न कोशिकाओं द्वारा इसे अपने अंदर लिया जाता है। इंसुलिन अग्न्याशय (अपने पेट में स्थित एक ग्रंथि) से उत्पादित होने वाला हार्मोन है। यह खून से कोशिकाओं में ग्लूकोज का परिवहन कर उसे ऊर्जा के लिए उपयोग करने में मदद करता है।
गर्भावस्था के दौरान, प्लेसेंटा (नाल – जो आपके बच्चे को आपसे जोड़ता है) से कुछ हार्मोन उत्पादित होते हैं जैसे इस्ट्रोजन, ह्यूमन प्लेसेंटल लैक्टोजन आदि। ये हार्मोन इंसुलिन की कार्रवाई में बाधा डालते हैं और आपके रक्त में शर्करा के स्तर को बढ़ा देते हैं।
आम तौर पर, अग्न्याशय रक्त शर्करा में हुई इस वृद्धि की क्षतिपूर्ति करने के लिए पर्याप्त इंसुलिन बना सकता है। लेकिन कुछ मामलों में यह ऐसा करने में विफल हो जाता है और मधुमेह विकसित हो जाती है।
किन महिलाओं में गर्भावधि मधुमेह विकसित होने की संभावना अधिक होती है?
नीचे उल्लेख किये जोखिम कारक होने से महिलाओं में गर्भावधि मधुमेह की सम्भावना बढ़ जाती है-
१. आप अपनी गर्भावस्था के पहले ही अधिक वजन या मोटापे से ग्रस्त हैं।
२. आप एक पूर्व मधुमेह रोगी हैं।
३. आपको पहले भी गर्भावधि मधुमेह हुआ है।
४. आपके पहले बच्चे के जनम के समय उसका वज़न ४ किलो या उससे भी अधिक था।
५. पहले प्रसव के दौरान बच्चे की अस्पष्टीकृत मृत्यु हुई है।
६. आपके परिवार में कोई मधुमेह रोगी है।
७. आपकी उम्र ३० वर्ष से अधिक है।
८. आपकी जीवन शैली आसीन (सीडेंटरी) है।
९. एशियाइयों / अफ्रीकन लोगों में गर्भावधि मधुमेह विकसित होने की सम्भावना अधिक होती है।
गर्भावधि मधुमेह के लक्षण क्या हैं?
आम तौर पर, गर्भावधि मधुमेह कोई भी ध्यान देने योग्य लक्षण पैदा नहीं करती। कुछ महिलाएं दृष्टि में धुंधलापन या योनि या त्वचा संक्रमण, अत्यधिक पेशाब, प्यास, थकावट की शिकायत कर सकती हैं।
गर्भावधि मधुमेह के कारण क्या समस्याएं हो सकती हैं?
गर्भावधि मधुमेह के अधिकांश मामलों में शिशु स्वस्थ होते हैं। परन्तु इसका इलाज न होने से या अनियंत्रित रक्त शर्करा से आप और आपके बच्चे में कुछ समस्याएं हो सकती हैं।
बच्चे में होने वाली समस्याएं-
गर्भावधि मधुमेह के अपर्याप्त इलाज से यह समस्याएं हो सकती हैं-
१. अतिवृद्धि (ओवरग्रोथ ) – आम तौर पर, ग्लूकोज स्वतंत्र रूप से प्लेसेंटा (नाल) को पार कर सकता है, लेकिन इंसुलिन इसे पार करने में सक्षम नहीं होता। इसलिए अधिक ग्लूकोज मां से बच्चे में चला जाता है और अधिक इंसुलिन बनाने के लिए बच्चे की अग्न्याशय को उत्तेजित करता है। इंसुलिन बच्चे के विकास के लिए जिम्मेदार है। अतिरिक्त इंसुलिन बच्चे की अतिवृद्धि का कारण बन सकता है और सीजेरियन सेक्शन की सम्भावना बढ़ जाती है। यदि सामान्य योनि प्रसव भी किया जाए तो भी, मां के साथ बच्चे को चोट की संभावना बढ़ जाती है।
२. हाइपोग्लाइसीमिया (निम्न रक्त शर्करा) -जन्म के तुरंत बाद जब माँ से ग्लूकोस का परिवहन बंद हो जाता है, उच्च इंसुलिन की मात्रा बच्चे की रक्त शर्करा को बहुत कम कर सकती है। इसे हाइपोग्लाइसीमिया कहते हैं। इसके लिए बच्चे को तत्काल दूध पिलाने की या नसों में डेक्सट्रोज की आवश्यकता पड़ सकती है।
३. अपरिपक्व – यदि आप अपनी रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित नहीं कर रहे हैं, तो आपको समय से पूर्व प्रसव दर्द और प्रसव की सम्भावना बढ़ जाती है।
४. श्वास में समस्या – कुछ बच्चों को जन्म के तुरंत बाद सांस लेने में समस्या हो सकती है| इसे श्वसन संकट सिंड्रोम कहा जाता है। विशेष रूप से यह अपरिपक्व बच्चों में होता है क्योंकि उनके फेफड़े परिपक्व नहीं होते।
५. मोटापा और टाइप २ मधुमेह – इन बच्चों को उनके जीवन में मोटापा और टाइप २ मधुमेह विकसित होने की सम्भावना अधिक होती है।
६. मृत्यु – यहां तक कि कभी कभी प्रसव के पहले या तुरंत बाद बच्चे की मृत्यु भी हो सकती है।
माँ में होने वाली समस्याएं-
१. सीजेरियन सेक्शन / घायल होना– अनियंत्रित मधुमेह से बच्चे की अतिवृद्धि होती है, इसलिए माँ में सीजेरियन सेक्शन होने या सामान्य योनि प्रसव के दौरान घायल होने की सम्भावना बढ़ जाती है।
२. प्री एक्लेम्पसिया – यह गर्भावस्था के दौरान विकासशील उच्च रक्तचाप को कहते हैं। इससे पैरों में सूजन हो सकती है और यहां तक कि मां और बच्चे दोनों के जीवन के लिए खतरा भी हो सकता है।
३. मधुमेह – यदि आप गर्भावधि मधुमेह से पीड़ित हैं, तो गर्भावस्था के बाद के जीवन में आपको टाइप २ मधुमेह विकसित होने का खतरा रहता है।
आपको डॉक्टर से संपर्क कब करना चाहिए?
यदि आपमें उपरोक्त जोखिम कारकों में से कोई एक भी मौजूद है, तो आदर्श रूप में आपको गर्भवती होने से पहले ही अपने डॉक्टर से मिलना चाहिए। आपके डॉक्टर प्रीडायबिटीज / मधुमेह की उपस्थिति के लिए आप की जांच करेंगे।
यदि आप गर्भवती हैं और ऊपर उल्लेख किये जोखिम कारक आपके अंदर मौजूद हैं, तो शुरुआत में ही (पहली तिमाही में) मधुमेह के लिए जांच की जानी चाहिए।
यदि उपरोक्त जोखिम कारकों में से कोई भी आपके अंदर मौजूद नहीं है, तो आपके डॉक्टर गर्भावस्था के २४ वें हफ्ते से २८ हफ्ते के बीच मधुमेह के लिए आपकी जांच करेंगे।
गर्भावधि मधुमेह का निदान-
अमेरिकन डायबिटीज एसोसिएशन गर्भावधि मधुमेह के निदान के लिए मौखिक शर्करा सहिष्णुता परीक्षण (ओरल ग्लूकोस टॉलरेंस टेस्ट) की सलाह देती है। यह टेस्ट रातभर खाली पेट रहने के बाद किया जाता है (कम से कम ८ (8 ) घंटे, लेकिन १४ (14 ) घंटे से अधिक नहीं )।
१. पहले आपके रक्त का सैंपल लिया जाएगा।
२. फिर आप को पीने के लिए ग्लूकोज पानी (७५ (75 )ग्राम ग्लूकोज और पानी का घोल) दिया जाएगा। यदि इससे आपको मतली / उल्टी होती है, तो आप उसमें एक नींबू डाल सकती हैं।
३. इसके बाद १ और २ घंटे ( 1 & 2 hour) के पश्चात रक्त के सैंपल लिए जाएंगे।
४. इन २ घंटे में आपको एक ही स्थान पर बैठे रहना है और घूमना फिरना नहीं है।
निम्न में से यदि एक भी रक्त शर्करा की मात्रा बढ़ी हुई है, तो आपको गर्भावधि मधुमेह है।
१. खाली पेट रक्त शर्करा के स्तर ≥ ९२ मिलीग्राम ( 92mg / dl )है।
२. ग्लूकोस पानी के १ (1 ) घंटे के बाद शर्करा के स्तर ≥ १८० मिलीग्राम (180mg / dl ) हैं।
३. ग्लूकोस पानी के २ (2 ) घंटे के बाद शर्करा के स्तर ≥ १५३ मिलीग्राम ( 153mg / dl ) हैं।
गर्भावधि मधुमेह का उपचार
गर्भावधि मधुमेह के अप्रिय प्रभावों से बचने के लिए आपको तुरंत इलाज शुरू कर देना चाहिए।
१. मधुमेह भोजन योजना –
आदर्श रूप में आपको अपनी व्यक्तिगत भोजन योजना के लिए एक आहार विशेषज्ञ से परामर्श करना चाहिए। कैलोरी प्रतिबंध आपके वजन पर निर्भर करता है। यदि आप मोटे हैं तो आपके डॉक्टर आपकी कैलोरी सीमित कर सकते हैं। लेकिन याद रखें गर्भावस्था के दौरान आपको वजन कम नहीं करना है।
आपके वर्तमान वजन और बॉडी मास्स इंडेक्स के आधार पर डॉक्टर आपकी गर्भावस्था में वजन बढ़ाने का लक्ष्य बताएँगे और तदनुसार आहार का सुझाव देंगे|
आहार के लिए कुछ सुझाव-
१. आपको चीनी वाली और तले हुए भोजन से बचने की जरूरत है।
२. भोजन कम मात्रा में परन्तु थोड़ी थोड़ी देर में लें (हर २-३ घंटे में कुछ लें)।
३. अपने आहार में फल, सब्ज़ियाँ और साबुत अनाज खाद्य पदार्थ जोड़ें।
४. रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट, मिठाई आदि के सेवन को सीमित करें।
२. शारीरिक गतिविधि / व्यायाम
यदि आपमें मधुमेह होने के जोखिम कारक है या आपको गर्भावधि मधुमेह हो चुका है, तो शारीरिक गतिविधि, गर्भावधि मधुमेह और टाइप २ मधुमेह दोनों को रोकने के लिए एक महत्वपूर्ण उपकरण है। व्यायाम के कई फायदे हैं, सबसे महत्वपूर्ण है इंसुलिन रेजिस्टेंस कम होना।
यदि आपको किसी और बिमारी या गर्भावस्था की किसी समस्या के कारण व्यायाम मना नहीं है (इस बारे में जानने के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श करें), तो सप्ताह के अधिकांश दिनों के दौरान कम से कम ३० (30) मिनट के लिए मध्यम शारीरिक गतिविधि करें जैसे तेज़ सैर करना, साइकिल चलाना, तैराकी आदि। ऐसा सप्ताह में कम से कम १५० मिनट करें (150minutes )। यदि आप गर्भावस्था से पहले व्यायाम नहीं करती थीं, तो कम अवधि से शुरू करें और धीरे-धीरे बढ़ाएं।
३. नियमित रूप से रक्त ग्लूकोज की जांच करें
आप एक ग्लूकोमीटर लें (यह एक मशीन है जो आपके रक्त में शर्करा की मात्रा जांच कर उसे स्क्रीन पर प्रदर्शित करती है) और समय समय पर रक्त में शर्करा की जांच करें (आमतौर पर एक दिन में ४-६ ( 4-6 ) बार )। यह पढ़ने में या सुनने में आपको मुश्किल और असुविधाजनक लग सकता है, लेकिन यह एक स्वस्थ गर्भावस्था और स्वस्थ बच्चे के लिए आवश्यक है। याद रखें, अपने शर्करा के स्तर का रिकॉर्ड ज़रूर रखें| निम्नलिखित लक्ष्य अमेरिकन डायबिटीज एसोसिएशन द्वारा सुझाये गए हैं-
१. भोजन से पहले ≤ ९५ मिलीग्राम ( 95mg / dl )
२. भोजन के १ (1 ) घंटे के बाद ≤१४० मिलीग्राम (140mg / dl)
३. भोजन के २ (2 ) घंटे के बाद ≤१२० मिलीग्राम (120mg / dl )
४. इन्सुलिन
यदि ऊपर दिए उपायों से आपकी रक्त शर्करा के स्तर नियंत्रित नहीं होते, तो आपके डॉक्टर आपको इंसुलिन शुरू कर सकते हैं। गर्भावस्था के दौरान इंसुलिन ही मधुमेह के इलाज के लिए सबसे सुरक्षित उपचार है।
५. बच्चे के विकास की जांच
आपके डॉक्टर नियमित रूप से बच्चे के विकास के लिए जांच करेंगे| इसके लिए अल्ट्रासाउंड या अन्य परीक्षणों की आवश्यकता हो सकती है।
भविष्य के लिए याद रखें…
१. गर्भावधि मधुमेह के अधिकांश मामलों में मधुमेह प्रसव के बाद ठीक हो जाती है| परन्तु कुछ महिलाओं में प्रसव के बाद भी मधुमेह रह सकती है।
२. यदि आप ठीक हो गयी हैं, तो भी आपको अगली गर्भावस्था के दौरान गर्भावधि मधुमेह या बाद के वर्षों के दौरान टाइप २ मधुमेह विकसित होने का खतरा है।
३. आप निम्नलिखित सुझावों का पालन करके भविष्य में विकासशील मधुमेह का खतरा कम कर सकती हैं-
१. एक स्वस्थ और संतुलित आहार का पालन जारी रखें।
२. अपने दैनिक कार्यक्रम में कम से कम ३० मिनट (30 minute ) मध्यम तीव्रता व्यायाम को शामिल करें।
३. यदि आप अपना अतिरिक्त वज़न कम कर लें, तो भविष्य में मधुमेह विकसित होने का खतरा काफी हद तक कम हो जाएगा। इसके लिए अपने वज़न का ५-७% ( 5-7% ) वज़न कम करना भी पर्याप्त है।
४. अपनी रक्त शर्करा की जांच करवाते रहे–
१. प्रसव के ६ ( 6 ) सप्ताह के बाद ओरल ग्लूकोस टॉलरेंस टेस्ट ( OGTT ) के परिक्षण को दोहराएं।
२. नियमित अंतराल पर ओरल ग्लूकोस टॉलरेंस टेस्ट (OGTT ) और ग्लाइकोसिलेटिड हीमोग्लोबिन (HbA1c) परीक्षण को जारी रखें (एक साल में एक बार या अपने चिकित्सक द्वारा निर्दिष्ट अंतराल पर)।