मधुमेह की कम अवधि से होने वाली समस्याएं

 

. मधुमेह कीटोएसिडोसिस ( Diabetic ketoacidosis or DKA)

मधुमेह कीटोएसिडोसिस (DKA ) गंभीर बीमारी है जोकि ज्यादातर मधुमेह टाइप १ के मरीजों को प्रभावित करती है, लेकिन कभी कभी टाइप २ मधुमेह के मरीजों को भी प्रभावित कर सकती है। इसमें मरीज कोमा में जा सकता है या उसकी मृत्यु भी हो सकती है।

 

मधुमेह कीटोएसिडोसिस (DKA ) क्या है?

ग्लूकोस से ऊर्जा उत्पादन करने हेतु हमारे शरीर को इन्सुलिन की आवशकता होती है। ग्लूकोज का उपयोग करने के लिए जब शरीर में पर्याप्त इंसुलिन नहीं होती, तो आपके शरीर में ऊर्जा के लिए वसा का उपयोग शुरू होता है। वसा के उपयोग से कीटोन नामक रसायनों का उत्पादन होता है। यह कीटोन इन्सुलिन के अभाव में बढ़ते जाते हैं और रक्त को एसिडिक बना देते हैं। इस प्रकार मधुमेह केटोएसिडोसिस ( DKA ) हो जाता है।

 

मधुमेह कीटोएसिडोसिस ( DKA ) के कारण क्या हैं?

निम्नलिखित स्थितियों में आपको मधुमेह कीटोएसिडोसिस ( DKA ) हो सकता है-

१. शरीर की ज़रुरत से कम मात्रा में इन्सुलिन लेना ( किसी बीमारी/ इन्फेक्शन या खुराक की गलत गणना की वजह से)।

२. आपने पर्याप्त भोजन नहीं लिया है या भोजन लिया ही नहीं है।

३. आप किसी संक्रमण से पीड़ित हैं।

 

आप मधुमेह कीटोएसिडोसिस ( DKA ) की पहचान कैसे कर सकते हैं?

यदि आपको नीचे दिए लक्षण नज़र आएं , आपको तुरंत डॉक्टर/ अस्पताल से संपर्क करना चाहिए-

१ . ज़्यादा प्यास लगना या मुँह सूखना

२. बार बार पेशाब आना

३. रक्त शर्करा के स्तर बहुत बढ़ जाना

४.बहुत ज़्यादा थकावट महसूस करना

५. मतली/ उल्टी या पेट दर्द होना

६. सांस लेने में कठिनाई होना

७. आपकी सांस में फल जैसी गंध आना

८. एकाग्रता में कठिनाई/ भ्रम होना

९. रक्त और पेशाब में कीटोन के स्तर बढ़ जाना

 

आप अपने आप कीटोन्स की जाँच कर सकते हैं!!

आप मूत्र में कीटोन्स की मात्रा एक स्ट्रिप (जैसे शुगर की जांच करते हैं) के साथ जाँच कर सकते हैं। आम तौर पर, कीटोन्स की जांच करनी चाहिए अगर-

१. आपकी रक्त में शर्करा की मात्रा २४०मिल्लिग्रम/ डी ल ( 240 mg / dl ) से ज़्यादा है।

२. आप बीमार हैं (उदाहरण-सर्दी, फ्लू, मूत्र संक्रमण)।

३. आप डायबिटिक कीटोएसिडोसिस (DKA ) के लक्षण महसूस कर रहे हैं।

 

यदि आप मध्यम या उच्च कीटोन्स पाते हैं या आपको लगातार उल्टी हो रही है तो तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें। DKA का इलाज अस्पताल में होना चाहिए।

 

२. हाइपर ऑस्मॉलर हाइपर ग्लाइसीमिक नॉनकीटोटिक सिंड्रोम (Hyperosmolar hyperglycemic non ketotic syndrome / HHNS) – यह भी एक गंभीर बीमारी है जो आम तौर पर टाइप २ मधुमेह से पीड़ित बड़ी उम्र के व्यक्तियों में होती है।

 

HHNS क्या है?

HHNS कुछ अन्य संक्रमण या बीमारी से होती है| संक्रमण या बीमारी की वजह से रक्त शर्करा बढ़ जाती है। इस के कारण अधिक पेशाब आता है और आपको अधिक प्यास लगती है। कुछ समय के पश्चात पेशाब की मात्रा कम हो जाती है।यदि आप और अधिक तरल पदार्थ नहीं लेते हैं, निर्जलीकरण ( डिहाइड्रेशन) विकसित हो जाता है। इससे दौरे भी पड़ सकते हैं, कोमा या मौत भी हो सकती है।

 

HHNS के लक्षण क्या हैं?

१. प्यास ज़्यादा लगना और मुँह सूखना

२. गर्म शुष्क त्वचा (पसीने के बिना)

३. तेज बुखार

४. भ्रम होना / उनींदापन

५. दृष्टि कम हो जाना

६. हल्लुसीनेशंस (जो नहीं है वो दिखाई या सुनाई देना)

७. शरीर का एक हिस्सा कमज़ोर हो जाना

८. रक्त में शर्करा की मात्रा ६००मिल्लिग्रम/ डी एल से अधिक होना ( > 600mg /dl)

 

यदि आप उपरोक्त लक्षणों में से कोई भी लक्षण महसूस करते हैं तो तुरंत अपने डॉक्टर से परामर्श करें।

 

याद रखें….

बीमारी के दौरान नियमित रूप से अपने शर्करा की जाँच करके और अधिक तरल पदार्थ ( शराब और कैफीन के अलावा) पी कर आप HHNS से बच सकते हैं।

By | 2015-12-21T09:32:30+00:00 December 21st, 2015|Blog|Comments Off on मधुमेह की कम अवधि से होने वाली समस्याएं

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