मधुमेह (डायबिटीज या शुगर) के आंकड़े क्या कहते हैं?
मधुमेह एक लम्बे समय तक चलने वाली बीमारी है। भारत में सन २००० (2000) तक तकरीबन ३१ मिलियन (31 million ) शुगर के मरीज़ थे। ये संख्या दिन प्रति दिन बढ़ती जा रही है। एक अनुमान के अनुसार सन २०३० (2030) तक ये संख्या ७९ मिलियन (79 million) तक पहुँच जायेगी! इसीलिए भारत को डायबिटीज में विश्व की राजधानी माना जाता है।
भारतीओं में कुछ ऐसे जीन पाये जाते हैं जिनसे शुगर व् दिल का रोग होने का खतरा बढ़ जाता है।
मधुमेह क्या है?
शुगर हमारे शरीर के लिए ऊर्जा का एक महत्वपूर्ण साधन है। शुगर से ऊर्जा के लिए हमारे शरीर को एक हॉर्मोन की ज़रुरत पड़ती है जिसे इन्सुलिन कहते हैं। किसी कारण यदि हमारा शरीर शुगर को ऊर्जा के लिए इस्तेमाल नहीं कर पाता तो हमारे रक्त में शुगर की मात्रा बढ़ जाती है। इसी को मधुमेह कहते हैं। इसके बहुत सारे कारण हो सकते हैं। यह एक चिरकालिक बीमारी है एवं इससे शरीर के सभी अंगों पे बुरा असर पड़ सकता है।
प्री –डायबिटीज क्या है ?
जब रक्त में शुगर की मात्रा सामान्य से अधिक हो परन्तु इतनी ज़्यादा भी नहीं हो की उसे मधुमेह या डायबिटीज कहा जाये, उस चरण को प्री-डायबिटीज कहते हैं। इस चरण में आपकी खाली पेट (फास्टिंग) शुगर बढ़ सकती है, ग्लूकोस लेने के २ घंटे के बाद शुगर बढ़ सकती है या फिर ग्लाइकोसिलेटिड हीमोग्लोबिन बढ़ सकता है ( इस टेस्ट से आपकी तीन महीने की औसत शुगर पता चलती है)।
लोगों में मधुमेह की बढ़ती जागरूकता के कारन बहुत सारे लोग इस चरण में पहचाने जाते हैं।
प्री–डायबिटीज का इलाज क्यों ज़रूरी है?
यदि प्री-डायबिटीज का इलाज नहीं किया जाये तो मधुमेह व् उससे होने वाली उलझनों की सम्भावना बहुत बढ़ जाती है।अगर आप समय पर इसका इलाज करें तो मधुमेह जल्दी नहीं होगा। आप मधुमेह से बच भी सकते हैं।
प्री- डायबिटीज का इलाज न करने पर शरीर के बहुत सारे हिस्सों पर असर हो सकता है, जैसे-
- आँखें – शुगर की वजह से आखों की रौशनी भी जा सकती है।
- – गुर्दे – डायबिटीज की वजह से आपके गुर्दे काम करना बंद कर सकते हैं व् आपको डायलिसिस या प्रतिरोपण (ट्रांसप्लांट) की ज़रुरत भी पड़ सकती है।
- नसें – शुगर की वजह से आपको पैरों में जलन, संवेदनशून्यता (सुन्न होना) या दर्द हो सकता है। आपको चोट लगने पर महसूस नहीं होगा और इसकी वजह से चोट बढ़ सकती है।
- पैरों के ज़ख़्म व् संक्रमण ( इन्फेक्शन) इतना बढ़ सकता है की पैर काटने की नौबत भी आ सकती है।
- आपका रक्तचाप (ब्लड प्रेशर) बढ़ सकता है, दिमाग या दिल का दौरा पड़ सकता है। महत्वपूर्ण बात ये भी है की कई बार दिल के दौरे में डायबिटीज के मरीज़ को दर्द नहीं होता।
- शरीर के किसी भी हिस्से में संक्रमण ( इन्फेक्शन) हो सकता है- पेशाब में इन्फेक्शन, त्वचा की इन्फेक्शन आदि।
मधुमेह के कारण
किन लोगों में मधुमेह होने की सम्भावना बढ़ जाती है?
नीचे दिए गए कारण आपके अंदर होने से मधुमेह की सम्भावना बढ़ जाती है-
१. उम्र > ४५ वर्ष (> 45 years)
२. माता, पिता, भाई या बहन का मधुमेह से पीड़ित होना
३. अधिक वजन/ मोटापा होना
४. गतिहीन जीवन शैली / शारीरिक निष्क्रियता ( वर्ज़िश न करना)
५. उच्च रक्तचाप से पीड़ित होना
६. कम एचडीएल कोलेस्ट्रॉल और/या उच्च ट्राइग्लिसराइड्स
७. गर्भावस्था के दौरान मधुमेह से पीड़ित होना
८. महिलाओं में पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम (पी. सी. ओ. एस ) से पीड़ित होना
क्या आपके अंदर ऊपर उल्लेख किये जोखिम कारकों में एक से अधिक जोखिम कारक मौजूद है?
यदि ऊपर उल्लेख किये जोखिम कारकों में से आपके अंदर 1 से अधिक कारक मौजूद हैं, तो आपको अपने डॉक्टर से मिलकर शुगर के टेस्ट करवा लेने चाहियें। आपका डॉक्टर आपका ग्लाइकोसिलेटिड हीमोग्लोबिन, मौखिक शर्करा सहिष्णुता परीक्षण (ओरल ग्लूकोस टॉलरेंस टेस्ट) और अन्य परीक्षण करवा के आपको बता पायेगा की आपको मधुमेह, पूर्व मधुमेह या कोई और बिमारी तो नहीं है।
डायबिटीज / प्री डायबिटीज क्यों होती है?
हम जो खाना खाते हैं वो शक्कर में बदल जाता है। यह शक्कर रक्त में जाती है और रक्त से इसे विभिन्न अंगों में ऊर्जा प्राप्त करने के लिए भेजा जाता है। शरीर की विभिन्न कोशिकाओं द्वारा इसे अंदर लेने के लिए एक हॉर्मोन की आवश्कता होती है। इस हॉर्मोन को इन्सु
लिन कहते हैं। इन्सुलिन पेट में स्थित पैंक्रियास नामक एक ग्रंथि द्वारा बनाया जाता है। एक सामान्य व्यक्ति में, इंसुलिन उत्पादन इतनी मात्रा में होती है कि यह बिल्कुल शक्कर के सेवन से मेल खाता है। यह रक्त शर्करा (शुगर) के स्तर कोसामान्य श्रेणी -७०-१४० (70-140mg/dl) में बनाए रखने में मदद करता है। जब भी किसी भी कारण से (पैंक्रिअटिटिस, पैंक्रियास में चोट लगने की वजह से, सर्जरी, संक्रमण) के कारण पैंक्रियास पर्याप्त इंसुलिन नहीं बना पाता या जब शरीर इस इंसुलिन को ठीक तरह से उपयोग करने में सक्षम नहीं होता (इसे इंसुलिन रेजिस्टेंस यानि की इन्सुलिन प्रतिरोध कहा जाता है) तो मधुमेह हो सकता है।
इन्सुलिन प्रतिरोध के स्तर में, शुरुआत में शरीर इंसुलिन के उत्पादन की मात्रा में वृद्धि कर रक्त शुगर की मात्रा सामान्य बनाए रखने में सक्षम होता है। लेकिन बाद में अग्न्याशय (पैंक्रियास) में विफल शुरू होता है और शरीर अपने शुगर का स्तर सामान्य श्रेणी में बनाए रखने के लिए पर्याप्त इंसुलिन बनाने के लिए सक्षम नहीं होता। इस प्रकार आपके रक्त में शुगर की मात्रा बढ़नी शुरू होती है और मधुमेह हो जाती है।
मधुमेह के लक्षण
आप कैसे पहचान कर सकते हैं की आपको मधुमेह है?
मधुमेह के लक्षण आपके रक्त में शर्करा की मात्रा पर निर्भर करते है। ऐसा भी हो सकता है की प्रारंभिक चरण में या प्री-डायबिटिक चरण में कोई लक्षण नहीं हों।
आम तौर पर, प्रकार १ (टाइप १) मधुमेह में बहुत जल्द लक्षणों का विकास होता है और वे गंभीर हो सकतेहैं।
सामान्यतः एक मधुमेह व्यक्ति द्वारा महसूस होने वाले लक्षण इस प्रकार हैं–
१. प्यास में वृद्धि
२. पेशाब बार बार आना
३. भूख में वृद्धि
४. बिना किसी स्पष्ट कारण के वज़न घटना
५. थकावट रहना
६. चिड़चिड़ापन७. दिखाई देने में धुंधलापन
८. घाव का धीमी गति से भरना
९. बार बार संक्रमण (इन्फेक्शन) होना जैसे मूत्र संक्रमण, योनि में संक्रमण या त्वचा में संक्रमण
१०. पैर सुन्न होना या जलन होना
११. यौन रोग